Intro
सिनेमा में रिलिजियस फिल्में बहुत रेयर देखने को मिलती है क्योंकि उसके लिए अच्छा खासा विजन चाहिए प्लस हिम्मत क्योंकि ऐसे सब्जेक्ट पर हाथ डालना मतलब कंट्रोवर्सी का सांप गले में डालना एक छोटी सी गलती और आपका कैरियर लिटरेरी खत्म हो सकता है
लेकिन इस खतरे के बाद भी अगर कोई आगे बढ़कर कोशिश करता है
तो या तो वह पागल होगा या फिर सच में जीनियस फैसला आप करोगे हनुमान या फिर हनुमान एक स्मॉल बजट फिल्म है जिसका सपना बहुत बड़ा है और सब्जेक्ट उससे भी बड़ा और कंपटीशन तो पूछा ही मत क्या सच में सिर्फ 50 करोड़ में बनने वाली फिल्म हॉलीवुड के डीसी मार्वल को टक्कर दे सकतीहै
कहानी एक मामूली से लड़के की है जो पैदा उसे गांव में हुआ है
चलो बताता हूं स्पाइडर-मैन सुपरमैन आयरन मैन यह सब बड़े-बड़े हीरोज का नाम आपने पक्का सुना होगा लेकिन जरा दिमाग लगाकर बताना अगर यह सूट पहनने वाला हीरो ही आपके सामने सुपर विलन खड़ा हो जाए मन जान बचाना नहीं लेना शुरू कर दे तो कौन बचाएगा आपको जवाब वही है जिन्होंने भगवान राम को माता सीता से मिलवा दिया और एक उंगली पर पूरा पहाड़ उठा लिया था
हनुमान की बात हो रही है जो हिस्ट्री में लिखी कुछ बातों के हिसाब से आज भी धरती पर मौजूद है कहां मिलेंगे बस वही जवाब दिया है इस फिल्म ने कहानी एक मामूली से लड़के की है जो पैदा उसे गांव में हुआ है जहां कभी भगवान हनुमान रहा करते थे और अपना हीरो प्यार में पड़ गया है लेकिन यह सिंपल सी लव स्टोरी ट्रायंगल में तब बदल जाती है जब एक पल साइंटिस्ट इस लड़के को ढूंढता हुआ इस छोटे से गांव में एंट्री मारता है वजह जान के आप भी चौंक जाओगे एक बड़ी सी ट्रेन फुल स्पीड में अपने हीरो के ऊपर से गुजर जाती है
फिल्म को दो पार्ट्स में डिवाइड कर सकते हो एक हनुमान के साथ और दूसरी हनुमान के बिना जो पाठ हनुमान के बारे में है
जोर की टक्कर मारती है लेकिन हीरो वाइस का वैसा ना फर्क कैसे क्यों हो जैसे आपको पता लगाना है वैसे ही साइंटिस्ट को भी सारे जवाब चाहिए साथ में इस लड़की की पावर का सीक्रेट ढूंढना है जिससे यह खुद सुपर हीरो याफिर सुपर विलन पूरी दुनिया की किस्मत लिख सकता है
बहुत सीधी बात नो बकवास सिंपल सी बात है फिर उनका एक्स फैक्टर खुद इसके नाम में छुपा है हनुमान जब भी फल में आते हैं पूरी फिल्म बदल जाती है आप इस फिल्म को दो पार्ट्स में डिवाइड कर सकते हो
फिल्म के क्लाइमेक्स में लॉर्ड हनुमान का बेहतरीन इस्तेमाल किया है
एक हनुमान के साथ और दूसरी हनुमान के बिना जो पाठ हनुमान के बारे में है वहां रोंगटे खड़े हो जाएंगे आपके स्पेशली जब यह कहानी एक बंदर अपनी आवाज में बताएं तो भूल कैसे पाओगे फिल्म के क्लाइमेक्स में लॉर्ड हनुमान का बेहतरीन इस्तेमाल किया है
वह सीन शायद प्योर इंडियन सिनेमा का फ्यूचर बदल सकता है एक जगह पर क्रिएटिविटी इतनी ज्यादा की बंदूक की गोलियों से भगवान श्री राम की इमेज बना दी डायरेक्टर साहब ने यहां पर सीढ़ियां तालियां पक्का बजेंगे लेकिन गड़बड़ चीज है हनुमान के बिना वाली फिल्म यहां पर कहानी थोड़ी वीक है अपना हीरो हीरो जैसा फील नहीं होता सबूत के साथ बताती हूं
उसमें जब शिव भगवान का वराह अवतार लेता है वहां तक पहुंचने से पहले पब्लिक को इतना स्टोरी समझा देते हैं कि फाइनल सीन में हम मान लेते हैं कि शिव खुद भगवान बन चुका है लेकिन हनुमान में अपने हीरो के डिफाइन करने के लिए जो कहानी होनी चाहिए फिल्म के अंदर वो एकदम मिसिंग है
50 करोड़ में इस लेवल की क्वालिटी अचीव करना बहुत बड़ी बात है
यार इसीलिए जबआप इसको भगवान हनुमान के साथ कंपेयर करते हो ना तो दिल दिमाग दोनों थोड़ा कन्वेंस नहीं हो पाते हैं जैसे कि यह सीन देख रहे हो हाथों से हेलीकॉप्टर को पकड़ लेना आइडिया अच्छा है लेकिन भरोसा नहीं हो रहा है क्योंकि कहानी नहीं है जो आपको समझ सके कैसे हुआ वीएफएक्स और स्पेशल इफेक्ट्स वगैरा एक लिमिट तक मदद कर सकते हैं और मानना पड़ेगा सिर्फ 50 करोड़ में इस लेवल की क्वालिटी अचीव करना बहुत बड़ी बात
है
हीरो के डिफाइन करने के लिए जो कहानी होनी चाहिए फिल्म के अंदर वो एकदम मिसिंग है
यार 400 करोड़ में अगर बॉलीवुड ब्राह्मण बनता है और 50 करोड़ में तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री कार्तिकेय 2 हनुमान जैसी मूवीस डिलीवर करती है तो भैया ज्यादा वक्त लगेगा नहीं पब्लिक को यह समझने में की अगली बार बजट नहीं कंटेंट के दम पर फैसला करना है टिकट बुक करने से पहले लेकिन हनुमान के मार्क्स की दूसरी गलती यह है कि इतना बेहतरीन सब्जेक्ट सेलेक्ट करने के बाद भी यह लोग ऐसा कुछ नहीं बता पाए जो पब्लिक पहले से नहीं जानती
इस फिल्म को छोटे बच्चों से लेकर पापा के भी पापा जी एक साथ मिलकर देख सकते हैं
हनुमान की हिस्ट्री को या तो अनजाने में या फिर जानबूझकर इन्होंने ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया फिल्म में सिर्फ वह दिखाया जो नॉर्मल लोग जानते हैं लेकिन सब कुछ सारी गलतियां इन्होंने कर कर दी हनुमान चालीसा के साथ फिल्म को और करके थिएटर में ऐसी एनर्जी आज से पहले कभी फीलिंग हुई मुझे और सबसे बेस्ट चीज यह है कि इस फिल्म को छोटे बच्चों से लेकर पापा के भी पापा जी एक साथ मिलकर देख सकते हैं
टिपिकल सुपरहीरो वाली फिल्म नहीं है दिस इस सिर्फ कुछ लोग देखते हैं हनुमान में कॉमेडी है फैमिली है इमोशंस है और स्पिरिचुअल एंगल सब लोग देखो तो भैया फिल्म को मेरी तरफ से मिलेंगे पांच में से पूरे साढे तीन तारा पहले तो फिल्म बनाने का आईडिया जबरदस्त है और पूरा यूनिवर्स तैयार हो रहा है जो इंडियन सिनेमा में नई क्रांतिकारी बनाएगा हिस्ट्री माइथॉलजी की दूसरा परफॉर्मेंस अच्छे हैं सारे एक्टर्स काफी फ्रेश है तेज सजा और अमृता ईयर इनकी पेयरिंग इंप्रेस करेगी और विजय स माइकल पूरी फिल्म बदल सकते थे
क्रिएटिविटी जो थिएटर्कल एक्सपीरियंस को पैसा वसूल बनाते हैं
तीसरी बढ़िया चीज है इफेक्ट्स का बेहतरीन इस्तेमाल अभी सिर्फ शुरुआत है इसलिए छोटी-मोटी गलती इग्नोर और आधा स्टार वह छोटी-छोटी क्रिएटिविटी जो थिएटर्कल एक्सपीरियंस को पैसा वसूल बनाते हैं नेगेटिव में यार सबसे बड़ी शिकायत मेरी यह है की फिल्म की बैकबोन रीड की हड्डी माने राइटिंग और कहानी यह दोनों काफी कमजोर है प्लस आधा स्टार कटेगा पुर एक्शन सीक्वेंस के लिए यहां पर डायरेक्टर साहब का आईडिया थोड़ा आउटडेटेड लगा कुछ नया नहीं है बस पुराना मारधाड़ वैसे अगर मुझे पूछोगे आप की इंडिया में बनने वाली बेस्ट सुपर हीरोफिल्म कौन सी है तो जवाब इस वीडियो में मिलेगा टाइम हो तो पक्का जाकर देख लेना वरना थोड़ा सा इंतजार करिए मिलूंगी आपसे अगले वीडियो में टेक केयर बाय बाय
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